*"न मैं गिरा,और न मेरी*
*उम्मीदों के मीनार गिरे..!*
*पर.. लोग मुझे गिराने मे*
*कई बार गिरे...!!"*
*सवाल जहर का नहीं था*
*वो तो मैं पी गया,*
*तकलीफ लोगों को तब हुई,*
*जब मैं फिर भी जी गया.*
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