Wednesday, 14 June 2017

BHUPENDRA KUMAR

"देखने वाले, मेरी टूटी हुई क़श्ती  और मेरी खामोसी न देख...
अब भी हौसला बुलंद है तूफ़ानों से टकराने का...

Tuesday, 6 June 2017

BHUPENDRA KUMAR

BHUPENDRA KUMAR

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           _*मंजिल मिले ना मिले*_
           _*ये तो मुकदर की बात है!*_
           _*हम कोशिश भी ना करे*_
           _*ये तो गलत बात है...*_
        _*जिन्दगी जख्मो से भरी है,*_
     _*वक्त को मरहम बनाना सीख लो,*_
       _*हारना तो है एक दिन मौत से,*_
      _*फिलहाल  जिन्दगी जीना सीख लो..!!*_