"देखने वाले, मेरी टूटी हुई क़श्ती और मेरी खामोसी न देख...
अब भी हौसला बुलंद है तूफ़ानों से टकराने का...
Wednesday, 14 June 2017
BHUPENDRA KUMAR
Wednesday, 7 June 2017
Tuesday, 6 June 2017
BHUPENDRA KUMAR
BHUPENDRA KUMAR
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_*मंजिल मिले ना मिले*_
_*ये तो मुकदर की बात है!*_
_*हम कोशिश भी ना करे*_
_*ये तो गलत बात है...*_
_*जिन्दगी जख्मो से भरी है,*_
_*वक्त को मरहम बनाना सीख लो,*_
_*हारना तो है एक दिन मौत से,*_
_*फिलहाल जिन्दगी जीना सीख लो..!!*_
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